Punjab News: पटियाला की अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट (ADM) ईशा सिंगल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत नया आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत अब पटियाला के नगर निगम क्षेत्र, नगर पंचायतों और गांवों में रहने वाले मकान मालिकों को अपने किरायेदारों, नौकरों और पेइंग गेस्ट की जानकारी नजदीकी पुलिस थाना या चौकी में दर्ज करवानी होगी.
पटियाला के लिए क्यों लिया गया यह फैसला?
पटियाला हरियाणा और चंडीगढ़ के करीब स्थित है और यहां बड़ी संख्या में लोग काम, नौकरी और शिक्षा के लिए आते हैं. औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण भी दूसरे राज्यों से कई लोग यहां बसते हैं. यही कारण है कि प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत महसूस हुई.
अपराधों पर रोकथाम के लिए उठाया गया कदम
कई बार ऐसा होता है कि बाहरी राज्यों से आए लोग किसी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं और उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है. पुलिस के पास किरायेदारों की जानकारी न होने की वजह से अपराधियों को पकड़ना कठिन हो जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह नया नियम लागू किया गया है ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और अपराधों को रोका जा सके.
मकान मालिकों को इन नियमों का करना होगा पालन
- किरायेदार, पेइंग गेस्ट या नौकर की जानकारी देना अनिवार्य – मकान मालिक को अपने घर में रहने वाले किसी भी नए व्यक्ति की जानकारी पुलिस थाने या चौकी में दर्ज करवानी होगी.
- पुलिस को सही जानकारी देना जरूरी – किरायेदार का नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र की कॉपी पुलिस को उपलब्ध करानी होगी.
- लापरवाही पर हो सकती है कार्रवाई – यदि कोई मकान मालिक इन नियमों का पालन नहीं करता तो प्रशासन द्वारा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
- 5 अप्रैल 2025 तक लागू रहेगा आदेश – यह आदेश अस्थायी रूप से लागू किया गया है और इसकी वैधता 5 अप्रैल 2025 तक होगी. जरूरत पड़ने पर इसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है.
पटियाला प्रशासन ने लोगों से क्या अपील की?
पटियाला प्रशासन ने मकान मालिकों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करें. प्रशासन ने कहा है कि किरायेदारों की जानकारी समय पर दर्ज करवाने से अपराधों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी और शहर सुरक्षित रहेगा.
इस नियम से किसे हो सकता है फायदा और नुकसान?
फायदा:
- सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी.
- बाहरी लोगों की पहचान आसान होगी.
- अपराधियों की धरपकड़ जल्दी हो सकेगी.
नुकसान:
- मकान मालिकों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ जाएगी.
- किरायेदारों को निजी जानकारी साझा करनी पड़ेगी, जिससे कुछ लोग असहज महसूस कर सकते हैं.
पुलिस कैसे करेगी सत्यापन?
पुलिस प्रशासन हर किरायेदार और पेइंग गेस्ट की जानकारी को रिकॉर्ड में रखेगा और समय-समय पर सत्यापन करेगा. संदिग्ध पाए जाने वाले व्यक्तियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी.
क्या अन्य राज्यों में भी लागू हैं ऐसे नियम?
देश के कई अन्य राज्यों में भी इस तरह के नियम लागू किए जा चुके हैं. खासतौर पर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में मकान मालिकों को किरायेदारों की जानकारी पुलिस को देने की अनिवार्यता है.
पटियाला के नागरिकों को क्या करना चाहिए?
- मकान मालिक अपने किरायेदारों की जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराएं.
- किरायेदार भी अपने मकान मालिक को सही जानकारी दें और खुद भी सतर्क रहें.
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.