होली से पहले तेल कीमतों में बढ़ोतरी, महंगाई ने दिया बड़ा झटका Edible Oil Prices

Edible Oil Prices: अगले महीने होली आने से पहले महंगाई ने आम आदमी की जेब पर असर डालना शुरू कर दिया है. खाने-पीने की चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जिससे त्योहारी बजट प्रभावित हो सकता है. खासतौर पर खाने के तेल और गेहूं की कीमतों में वृद्धि देखने को मिल रही है. पिछले 15 दिनों में खाने के तेल की कीमतें लगभग 5% बढ़ गई हैं. जबकि गेहूं के दामों में भी जल्द ही बढ़ोतरी हो सकती है.

सरकार के फैसलों का असर, MSP बढ़ने से महंगा होगा अनाज

केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है. इससे गेहूं की कीमत में ₹5 प्रति किलो तक की वृद्धि हो सकती है. सरसों का नया MSP ₹5,950 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में ₹300 ज्यादा है. इसी तरह, चने का MSP ₹200 बढ़कर ₹5,650 प्रति क्विंटल हो गया है. सरकार का उद्देश्य किसानों की आय में सुधार करना है, लेकिन इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा.

रुपए की कमजोरी से बढ़ रही महंगाई

महंगाई में इजाफे का एक बड़ा कारण रुपए की गिरती कीमत भी है. रुपए की कमजोरी के कारण आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं. विदेशी फलों, मेवों और सूखे मेवों के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च तक आयातित सेब और कीवी की कीमतें 8-10% तक बढ़ने की संभावना है.

खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी

भारत अपनी कुल खाने के तेल की जरूरत का 60% आयात करता है. जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई हलचल का सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ता है. फरवरी में तेल उत्पादक देशों में कीमतें बढ़ने से भारत में सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम तेल के खुदरा दामों में 5-6 रुपये प्रति किलो की वृद्धि देखी गई है. पाम तेल की कीमत 4.28% बढ़कर ₹146 प्रति किलो हो गई है. जबकि सोयाबीन तेल 5.4% बढ़कर ₹135 प्रति किलो और सूरजमुखी तेल 3.2% बढ़कर ₹158 प्रति किलो पहुंच गया है.

घरेलू तेलों की कीमतों में भी तेजी

घरेलू स्तर पर उत्पादित तेलों की कीमतें भी लगातार चढ़ रही हैं. सरसों का तेल ₹163 से बढ़कर ₹166 प्रति किलो, मूंगफली का तेल ₹183 से ₹185 प्रति किलो और बिनौला तेल ₹125 से ₹131 प्रति किलो हो गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रुपए में और गिरावट आई, तो कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं.

गेहूं और आटे की कीमतों में संभावित वृद्धि

सरकार द्वारा गेहूं के MSP में वृद्धि के चलते आटे की कीमतों में भी इजाफा होने की संभावना है. गेहूं की कीमतों में ₹500 प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. जिससे आटा भी महंगा होगा.

त्योहारों पर फलों और मेवों की कीमतें बढ़ेंगी

त्योहारों पर आमतौर पर फलों और सूखे मेवों की मांग बढ़ जाती है. लेकिन इस बार रुपए की कमजोरी के चलते इनके दामों में भी उछाल आ सकता है. दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सेब की कीमतों में पहले ही 8-10% की वृद्धि देखी जा चुकी है.

महंगाई से राहत के लिए सरकार के प्रयास

सरकार लगातार महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए कदम उठा रही है. खाद्य पदार्थों की कीमतों को स्थिर रखने के लिए केंद्र सरकार आयात शुल्क में कटौती करने पर विचार कर रही है. इसके अलावा कुछ आवश्यक वस्तुओं के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है ताकि घरेलू बाजार में उनकी आपूर्ति बनी रहे.

उपभोक्ताओं को कैसे करनी चाहिए बचत?

  • थोक में खरीदारी करें: एक साथ बड़ी मात्रा में खरीदारी करने से थोड़ी राहत मिल सकती है.
  • स्थानीय उत्पादों पर ध्यान दें: आयातित वस्तुओं के बजाय स्थानीय उत्पाद खरीदने से पैसे की बचत हो सकती है.
  • बाजार में कीमतों की तुलना करें: जहां सस्ता मिले, वहां से खरीदें.
  • बदलती कीमतों पर नजर रखें: महंगाई को देखते हुए समय-समय पर बाजार के दामों की जांच करें.