Court Punishment: चंडीगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) ने सेक्टर-17 बस स्टैंड पर बिना लाइसेंस यात्रियों को पैकेटबंद बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक्स और पानी की बोतलें बेचने के दोषी दुकानदार को अदालत में पूरा दिन खड़े रहने की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
यह मामला फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006 के तहत दर्ज किया गया था. दोषी दुकानदार की पहचान अजय कुमार के रूप में हुई है, जो सेक्टर-17 आईएसबीटी (ISBT) में “अजय ट्रेडर्स” के नाम से एक कन्फेक्शनरी की दुकान चलाता था.
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पकड़ा था मामला
इस मामले की शुरुआत 16 नवंबर 2022 को हुई जब चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की फूड सेफ्टी टीम ने सेक्टर-17 स्थित आईएसबीटी बस स्टैंड पर खाद्य पदार्थों की जांच की. जांच के दौरान “अजय ट्रेडर्स” नाम की दुकान पर यात्रियों को बिना लाइसेंस पैकेटबंद बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक्स और बोतलबंद पानी बेचा जा रहा था.
जब खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने दुकानदार से लाइसेंस के बारे में पूछा तो वह कोई वैध लाइसेंस पेश नहीं कर सका. इस पर स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी अधिकारी ने अजय कुमार के खिलाफ चालान जारी कर मुकदमा दर्ज कराया.
अदालत में सुनवाई के दौरान दोषी करार
सुनवाई के दौरान अदालत ने दोषी दुकानदार अजय कुमार को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दोषी पाया और पूरा दिन अदालत में खड़े रहने की सजा सुनाई. इसके साथ ही 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
यह सजा न केवल आरोपी के लिए बल्कि अन्य दुकानदारों के लिए भी एक सबक है, जो बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री बेच रहे हैं.
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006 क्या है?
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006 (Food Safety and Standards Act-2006) भारत में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाला एक कानून है. इस कानून के तहत बिना लाइसेंस किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री बेचना अवैध है.
इस कानून के मुख्य उद्देश्य हैं:
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना ताकि लोगों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ मिल सकें.
- मिलावटी और खराब खाद्य सामग्री की बिक्री को रोकना.
- बिना लाइसेंस व्यवसाय करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करना.
बिना लाइसेंस खाद्य उत्पाद बेचने के क्या हैं कानूनी परिणाम?
अगर कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री बेचता है तो उसे फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006 के तहत सजा हो सकती है. इसमें जुर्माना, लाइसेंस रद्द होना, दुकान सील होना और जेल की सजा भी शामिल हो सकती है.
इस मामले में भी अजय कुमार को दोषी करार दिया गया और उसे आर्थिक दंड के साथ अदालत में खड़े रहने की सजा सुनाई गई.
यात्रियों और उपभोक्ताओं के लिए जरूरी जानकारी
अगर आप बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कोई खाद्य पदार्थ खरीद रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें:
- पैकेजिंग पर लाइसेंस नंबर देखें.
- दुकान पर “फूड सेफ्टी लाइसेंस” प्रदर्शित है या नहीं, यह जांचें.
- समाप्ति तिथि (Expiry Date) जरूर देखें.
- अगर किसी खाद्य उत्पाद की गुणवत्ता पर संदेह हो, तो इसकी शिकायत फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट में करें.
बिना लाइसेंस खाद्य पदार्थ बेचने पर क्यों सख्ती जरूरी?
बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री बेचना केवल कानूनी अपराध ही नहीं, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है. कई बार दुकानदार नकली, एक्सपायर्ड या मिलावटी खाद्य पदार्थ बेच देते हैं, जिससे लोगों को फूड प्वाइजनिंग, पेट की बीमारियां और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
सरकार और अदालत की यह कार्रवाई न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करेगी, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखने में मदद करेगी.
व्यापारियों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
अगर आप खाद्य पदार्थों का व्यवसाय कर रहे हैं तो इन जरूरी नियमों का पालन करें:
- फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से लाइसेंस प्राप्त करें.
- बेचे जाने वाले सभी उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें.
- सभी खाद्य पदार्थों की समाप्ति तिथि (Expiry Date) पर ध्यान दें.
- स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का पालन करें.
- सरकारी नियमों और मानकों के अनुसार खाद्य सामग्री का उत्पादन और बिक्री करें.